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भारत में निर्धनता के क्या कारण है? निर्धनता के दुष्प्रभाव तथा निर्धनता दूर करने के उपाय [bharat me nirdhanta ke kya karan hain? nirdhanta ke dusprabhw tatha nirdhanta door karne ke upay]

आज की इस पोस्ट में हम आप लोगों को निर्धनता (poverty) या गरीबी के बारे में यहां पर पूरी जानकारी प्रदान करने वाले हैं अतः निर्धनता क्या होती है? (what is poverty) और भारत में निर्धनता की कुछ प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं ?तथा निर्धनता से क्या-क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं ? और निर्धनता को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है? इत्यादि तमाम प्रश्नों के उत्तर यहां पर आपको मिलने वाले हैं अतः भारत दिन पर दिन क्यों निर्धन होता चला जाता है और गरीबी के गर्त में गिरता चला जाता है इसके क्या क्या कारण होते हैं इसके बारे में यहां पर सभी जानकारी आपको उपलब्ध कराई जाएगी दरअसल जब व्यक्ति अपने अभीष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन एकत्र नहीं कर पाता है तथा वह काफी परेशानियां जलता है तो उसे निर्धन व्यक्ति कहा जाता है अतः इस प्रकार के सभी लोगों को निर्धनता की कैटेगरी में माना जाता है सरकार ने भी निर्धनता को दूर करने के लिए काफी प्रयत्न किए है लेकिन अब तक कोई प्रयत्न प्रभावी होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है जिसके वजह से भारत में अभी गरीबी पूरी तरह से व्याप्त है और इस वजह से भारत एक विकासशील देशों की तुलना में आता है अब तक भारत विकसित देशों की तुलना में नहीं शामिल किया गया है अतः साधारण शब्दों में यह कहा जा सकता है कि अपनी आवश्यकताओं के लिए आए की कमी को निर्धनता कहा जाता है

भारत में निर्धनता के कुछ प्रमुख कारण (reason of poverty in India)

भारत में निर्धनता या गरीबी के अनेक प्रकार के कारण पाए गए हैं जो कि निम्नलिखित हैं

1-जनसंख्या विस्फोट (jansankhya visfot)

भारत में जनसंख्या वृद्धि बहुत तेजी से हो रही है यह बात सभी लोगों को मालूम है अतः जनसंख्या का विस्फोट होना भारत के गरीबी निर्धनता का एक प्रमुख कारण माना जाता है क्योंकि जिस प्रकार से भारत की जनसंख्या बढ़ रही है और आधुनिक गणना के अनुसार भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ के पार हो चुकी है भारत में जो कुछ भी उत्पादन होता है वह सब सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरे के समान हो जाता है इसलिए भारत दिन प्रतिदिन गरीबी के गर्त में गिरता हुआ चला जाता है

2-देश का बंटवारा (desh ka batwara)

सन 1947 में काफी मेहनत और शहीदी के बाद जब भारत आजाद हुआ उसके बाद 50 साल भी नहीं पूरे हुए उसके पहले ही मुसलमानों को एक अलग देश दिया गया जिसका नाम पाकिस्तान है अतः भारत-पाकिस्तान का ही हिस्सा है जिसमें बंटवारा किया गया और सभी मुसलमान को रहने की एक जगह दी गई जिसे पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है और यह पूरी तरह से छूट दिया गया कि जो हिंदू भारत में रहना चाहता है वह भारत में रह सकता है और जो पाकिस्तान में रहना चाहता है वह पाकिस्तान में रह सकता है यह नियम मुसलमान के ऊपर भी लागू होता है उसके पश्चात अंग्रेजों के द्वारा भारत के समस्त धन को समाप्त कर दिया गया था जिसके बाद आजादी के बाद भारत में कुछ भी नहीं बचा था उसके बावजूद भी भारत ने बंटवारे के समय पाकिस्तान को करोड़ों रुपए दिए जिसके बाद भारत पूरी तरह से गरीबी के दलदल में गिरता चला गया और आज भी वह निर्धनता के घर से ऊपर नहीं उठ पाया है

3-वर्ण व्यवस्था (varn vyavastha)

वर्ण व्यवस्था समाज की एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत व्यक्ति के कार्य निर्धारित किए जाते थे जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि वर्ण चार होते हैं जैसे कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण पाए जाते हैं अतः चारों वर्णों की अलग-अलग कार्य होते हैं इस प्रकार से कोई भी वर्ण का व्यक्ति दूसरे वर्ण का कार्य करने के लिए तत्पर नहीं होता है क्योंकि उसे सामाजिक दृष्टि से गलत समझा जाता है ऐसी स्थिति में यदि किसी व्यक्ति को काम नहीं मिल पाता है तो वह व्यक्ति बेरोजगार ही घर पर बैठा रहता है परंतु दूसरे वर्णों का कार्य नहीं कर पाता है उदाहरण के लिए आप लोग मान लीजिए कि यदि कोई ब्राह्मण वर्ण का व्यक्ति है और उसे किसी और कार्य को करना है तो उसके लिए समाज स्वतंत्रता नहीं देता जैसे कि वह व्यापार करना चाहता है तो उसे समाज स्वतंत्रता नहीं देता है कि ब्राह्मण एक व्यापार का कर्म करें इसलिए भारत में अधिकतर गरीबी और निर्धनता बढ़ रही है हालांकि आधुनिक युग में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है सभी लोगों को पूरी तरह से छूट है कि वह किसी भी वर्ग के कार्य को चुन सकता है और अपना जीवन यापन कर सकता है लेकिन कुछ हद तक समाज का डर बना हुआ रहता है क्योंकि सामाजिक दृष्टि से यह गलत होता है

4-लघु एवं कुटीर उद्योगों की कमी (laghu avam kuteer udyogon ki kami)

भारत में लघु तथा कुटीर उद्योगों की काफी कमी है क्योंकि शहरी इलाकों में बड़े उद्योगों का विस्तार हो रहा है लेकिन इससे और भी गरीबी बढ़ती जा रही है क्योंकि लोग गांव की तरफ से शहरों की तरफ पलायन करते हैं जिसकी वजह से वह कुछ खास धन नहीं कमा पाते हैं और कभी-कभी मामलों में ऐसा होता है कि उन्हें कंपनियों में काम नहीं मिल पाने के कारण वे बेरोजगार बैठे रहते हैं और दिन प्रतिदिन निर्धनता और गरीबी के दलदल में धरते चले जाते हैं इस प्रकार से भारत में लघु और कुटीर उद्योगों की कमी होती है जिसके वजह से निर्धनता होना स्वाभाविक है क्योंकि लघु एवं कुटीर उद्योग के द्वारा व्यक्ति अपने घर का संचालन अपने घर पर ही कार्य करके करते रहते हैं जैसे कि छोटे-छोटे खिलौने का निर्माण बांस की टोकरी का निर्माण चटाई का निर्माण यह सभी कुटीर उद्योग के अंतर्गत आते हैं

5-कृषि की प्रधानता (krishi ki pradhanta)

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां पर अधिकतर लोग खेती करते हैं और ऐसे मामलों में गरीबी बढ़ती चली जाती है क्योंकि ऋषि गरीबी का एक मुख्य कारण है क्योंकि दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है और कृषि से प्राप्त अनाज की महंगाई नहीं बढ़ रही है जिसकी वजह से कृषक गरीब होता चला जाता है हालांकि कृषक के जीवन स्तर को उठाने के लिए सरकार ने काफी प्रयत्न किया है लेकिन अब तक कोई प्रभावी प्रयत्न दिखाई नहीं दे रहा है अतः कृषि की प्रधानता भारत में निर्धनता के एक प्रमुख कारण है

6-प्राकृतिक आपदाएं (prakritik aapdayen)

प्राकृतिक आपदा निर्धनता का एक प्रमुख कारण होता है जैसा कि आप सभी लोगों को मालूम होगा कि बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ आने के कारण सब कुछ नष्ट हो जाता है तमाम घर मकान गिर जाते हैं और फसल सारी नष्ट हो जाती है जिसकी वजह से वहां के व्यक्ति अधिकतर गरीब होते हैं वहीं पर अभी हाल ही में बंगाल में देखा गया कि भयंकर तूफान के कारण सब कुछ नष्ट हो गया और तमाम लोगों के घर उजड़ गए जिसके वजह से निर्धनता होना स्वाभाविक है अतः प्राकृतिक आपदाएं भारत में निर्धनता के प्रमुख कारण में से एक हैं

निर्धनता के दुष्प्रभाव (effect of poverty)

निर्धनता एक अभिशाप है जोकि भारत में पूरी तरह से व्याप्त हो चुकी है और लोग दिन प्रतिदिन निर्धन होते जा रहे हैं क्योंकि वह अपनी अभीष्ट आवश्यकता ओं की पूर्ति कर पाने में काफी परेशानी उठाना पड़ता है और इससे अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो कि निम्नलिखित हैं

1-अपराध को बढ़ावा (apradh ko badhava)

निर्धनता की वजह से अनेक प्रकार के अपराध को बढ़ावा मिलती है जैसे कि जब व्यक्ति के पास खाने के लिए अनाज नहीं होता है या अपने अभीष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन एकत्र नहीं हो पाता है ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति बेईमानी चोरी डकैती इत्यादि करने पर उतारू हो जाता है और यह एक अपराध है जो कि समाज के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है और सामाजिक विघटन की स्थिति उत्पन्न होती है

2-बेरोजगारी (unemployed)

गई बीयर निर्धनता की वजह से बेरोजगारी की स्थिति अधिकतर उत्पन्न होती है जैसा कि आप सभी लोगों को मालूम होगा कि तमाम लोग ऐसे होते हैं जिनके पास टैलेंट की कमी नहीं होती है लेकिन फिर भी वह धन की कमी की वजह से कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं उदाहरण के लिए आप लोग मान सकते हैं कि यदि आप एक डॉक्टर की पढ़ाई कर चुके हैं और आपके पास धन नहीं है तो आप एक मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते क्योंकि मेडिकल स्टोर खोलने के लिए पैसे की आवश्यकता होगी इसी प्रकार से प्रत्येक कार्य को करने के लिए या कोई भी व्यापार करने के लिए धन की आवश्यकता होती है अतः धन की कमी की वजह से अधिकतर लोग बेरोजगार रहते हैं

3-कृषि उत्पादन में कमी (krishi utpadan me kami)

निर्धनता भारत के लिए एक अभिशाप बन चुका है जो कि अधिकतर कृषक समाज के ऊपर दिखाई देता है क्योंकि कृषक समाज अधिकतर गरीब होता है और वह अपना जीवन यापन करने के लिए भूमि को जोतता है और उसी से प्राप्त अनाज को खाता है तथा अपनी अभीष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति करता है लेकिन धन की कमी की वजह से उसकी कृषि उत्पादन में भी काफी कमी आती है क्योंकि वह अपने कृषि में अच्छी लागत लगाने में सक्षम नहीं होता है अच्छे खाद तथा बीजों की इस्तेमाल ना कर पाने की वजह से उसके किसी में उत्पादन की कमी होती जाती है जो कि निर्धनता के गर्त में उसे ले जाती है

4-तनाव की स्थिति (tanav ki sthiti)

निर्धनता के कारण अधिकतर तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है जिसकी वजह से लोग आत्महत्या करने पर उतारू हो जाते हैं कृषक समाज के लोग अधिकतर गरीब होते हैं जो कि दिन-प्रतिदिन वह कर्ज में डूबे हुए रहते हैं और 1 दिन ऐसा आता है कि वह डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं और आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं इस प्रकार से गरीबी की वजह से तनाव की स्थिति या डिप्रेशन उत्पन्न होती है जो कि एक सामाजिक अपराध को जन्म देती है

5-अशिक्षा (uneducation)

धन की कमी की वजह से लोग अशिक्षित रह जाते हैं क्योंकि आधुनिक युग में पढ़ाई के लिए काफी पैसे खर्च होते हैं जिसके लिए पैसे एकत्र नहीं हो पाते हैं और इस वजह से भारत में अधिकतर लोग अभी निरीक्षण रह जाते हैं हालांकि कुछ हद तक लोग पढ़ाई कर लेते हैं क्योंकि सरकार ने भी काफी व्यवस्थाएं की है कि सभी लोग शिक्षित हो सके लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलों के अलावा प्राइवेट स्कूलों में पैसे काफी खर्च होते हैं जिसके बाद शिक्षा मिल पाती है ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने बच्चों को धन के अभाव में पढ़ाई नहीं करा पाता है और वह अशिक्षित ही रह जाते हैं

6-बाल श्रम को बढ़ावा (bal sram ko badhava)

निर्धनता या गरीबी की वजह से बाल श्रम को बढ़ावा मिलता है क्योंकि जब व्यक्ति के पास धन की कमी होती है और पर्याप्त मात्रा में भोजन एकत्र नहीं हो पाता है तो वह व्यक्ति अपने बच्चों तथा औरतों से कार्य कर आता है जो कि आप देख सकते हैं कि अधिकतर फैक्ट्रियों में और तथा 18 साल से कम उम्र वाले भी बच्चे आपको काम करते हुए मिलेंगे जोकि समाज के लिए यह काफी खतरनाक है और भारत के विकास के लिए काफी घातक माना जाता है हालांकि तमाम रोकथाम के बावजूद भी ऐसा हो रहा है यह नहीं है कि सरकार कोशिश नहीं कर रही है लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी निर्धनता के कारण बाल श्रम को बढ़ावा मिलता है

निर्धनता को दूर करने के उपाय (nirdhanta ko door karne ke upay)

निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार ने भी काफी प्रयत्न किए हैं लेकिन इन प्रश्नों के बावजूद भी अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही है जो कि आप लोग ऊपर की पोस्ट में पड़ चुके हैं आता निर्धनता को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है इसके कौन-कौन से उपाय होते हैं

1-ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों का विकास (grameen kshetron me udyogon ka vikash)

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर गरीब लोग पाए जाते हैं अतः ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों का विकास किया जाना चाहिए बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का निर्माण होने से हजारों लोगों को कार्य मिल जाता है तथा उस फैक्ट्री से लगभग 2000 या 4000 लोग जुड़ जाते हैं इस प्रकार से प्रत्येक लोगों को कार्य करने के अच्छे अवसर मिल जाते हैं और उन्हें रोजगार मिल जाते हैं जिसके वजह से वो अपना जीवन यापन करने में सक्षम हो जाते हैं ऐसी स्थिति में निर्धनता को कम किया जा सकता है

2-जनसंख्या वृद्धि पर रोक (jansankhya bridhi per rok)

गरीबी और निर्धनता का सबसे बड़ा कारण जनसंख्या वृद्धि है अतः जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाया जाना चाहिए जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि आधुनिक युग में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है जिसके वजह से भारत में निर्धनता पूरी तरह से व्याप्त हो चुकी है इसलिए यदि निर्धनता को दूर किया जा सकता है तो इसका एक मुख्य उपाय यह है कि जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाई जाए और आप लोग भी देख पा रहे होंगे कि अमेरिका जो कि सबसे अमीर देश माना जाता है उसकी जनसंख्या भारत के उत्तर प्रदेश की जनसंख्या की बराबर है जिसकी वजह से वह एक अमीर देशों की तुलना में आता है

3-काला धन पर रोक (kala dhan per rok)

भारत में तमाम लोग ऐसे हैं जो कि गैर कानूनी तरीके से वह धन एकत्र करते रहते हैं और उसमें से सरकार को टैक्स भी नहीं देते हैं जिसकी वजह से वह धन गरीबों का ही होता है जो कि वह एकत्र करके अपने घर में रख लेते हैं और उसमें से टैक्स भी सरकार को नहीं देते हैं ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति ऐसा होता है जो कि दिन-प्रतिदिन वह अमीर होता चला जाता है और कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो कि दिन-प्रतिदिन गरीब होते चले जाते हैं इस प्रकार से गैरकानूनी धन पर रोक लगाया जाना चाहिए और इस धन को बाहर लाकर उस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए

4-शिक्षा का प्रसार (siksha ka prasar)

निर्धनता को दूर करने के लिए शिक्षा का होना अत्यंत आवश्यक है अतः शिक्षा का पूरी तरह से प्रचार-प्रसार होना चाहिए तथा सरकार भी पूरी प्रयत्न कर रही है कि प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो ऐसी स्थिति में सरकारी स्कूलों में फ्री पढ़ाई किताबें कपड़े तथा भोजन की भी व्यवस्था की गई है ताकि सभी लोग पढ़ सके और साक्षर बन सके ऐसी स्थिति में गरीब को दूर किया जा सकता है इसलिए शिक्षा का प्रचार प्रसार गरीबी को दूर करने के लिए काफी कारगर माना जा सकता है

5-गरीबों के जीवन स्तर में सुधार (gareebon ke jeevan star me sudhar)

गरीबों के जीवन स्तर में सुधार करके गरीबी को दूर किया जा सकता है क्योंकि ग्रामीण इलाके में अधिकतर गरीब लोग निवास करते हैं जिनकी आय में वृद्धि के लिए सरकार ने अनेक प्रकार के प्रयत्न किए हैं जिसके द्वारा किसानों को प्रत्येक 4 महीने पर ₹2000 की धनराशि प्रदान की जाती है तथा गरीब किसानों को कुछ संस्थाओं के द्वारा और उनकी गरीबी को दूर किया जा सके

6-रोजगार के सुलभ अवसर (rojgar ke sulabh avsar)

निर्धनता को दूर करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए जो कि सरकार के द्वारा यह प्रयत्न किया जा रहा है लेकिन अब तक ग्रामीण इलाकों में रोजगार के कुछ खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं है जिसके वजह से गरीबी अभी समाप्त नहीं हुई है और भारत दिन-प्रतिदिन निर्धनता के गर्त में जा रहा है अतः सरकार को चाहिए कि रोजगार के सुलभ अवसर प्रदान किए जाएं हालांकि ग्रामीण इलाकों में कुछ कार्य दिए गए हैं जो कि गरीबों को थोड़ी बहुत धनराशि प्रदान की जाती है लेकिन उचित मात्रा में रोजगार अभी प्राप्त नहीं हो पाए हैं

shiva9532

My name is rahul tiwari and I am the owner and author of this blog. I am a full time blogger. I have studied B.Sc in computer science.

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