एकाकी परिवार किसे कहते हैं? एकाकी परिवार के गुण व दोष ekaki pariva kise kahte hain? ekaki parivar ke gun va dosh

यह पोस्ट समाज से जुड़ा हुआ पोस्ट है जिसे समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अवश्य जानना चाहिए क्योंकि एकाकी परिवार single family भारतीय समाज की वह व्यवस्था है जो कि आधुनिक युग में बहुत तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि प्राचीन समय में संयुक्त परिवार की व्यवस्था काफी प्रभावी हुआ करते थे लेकिन आधुनिक युग में एकाकी परिवार में वह विभक्त होने लग गए क्योंकि संयुक्त परिवार में अनेक प्रकार के दोष के कारण संयुक्त परिवार बढ़ने लग गए और धीरे-धीरे एकाकी परिवार में विभक्त होने लग गए एकाकी परिवार का अर्थ यह है कि इस परिवार में पति पत्नी तथा उनके बच्चे होते हैं इसके अलावा एकल परिवार के अंतर्गत किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया जाता है ऐसे परिवार में एक मुखिया होता है जो कि पति होता है और वह इन सभी सदस्यों का भरण पोषण करने का उत्तरदाई होता है इस प्रकार के परिवार संरचना को एकल परिवार या एकाकी परिवार भी कहा जाता है यहां पर आपको एकाकी परिवार किसे कहते हैं तथा एकाकी परिवार की परिभाषा क्या है और एकाकी परिवार के लाभ तथा हानि के बारे में भी यहां पर सभी जानकारी को उपलब्ध कराई जाएगी

एकाकी परिवार किसे कहते हैं (what is single family)
परिवार की बहुत सारा चना जिसके अंतर्गत 2 सदस्य से लेकर 5 सदस्य तक होते हैं उसे एकाकी परिवार कहा जाता है और इस परिवार में पति पत्नी और उनके बच्चे शामिल होते हैं इसके अलावा इस परिवार में किसी को भी सम्मिलित नहीं किया जाता है इस प्रकार के पारिवारिक संरचना को एकल परिवार या एकाकी परिवार का नाम दिया गया है एकाकी परिवार आपने लाभ हानि तथा सामाजिक परिस्थितियों और संघर्ष के लिए उस घर का मुखिया यानी प्रति उत्तरदाई होता है और वह अपने पत्नी तथा बच्चों के पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी निभाता है इसलिए एकाकी परिवार के अंतर्गत व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है और उस व्यक्ति की कार्य क्षमता पूरी तरह से दिखाई देती है
एकाकी परिवार की परिभाषा (definition of singal family)
संयुक्त परिवार का वह सदस्य जो कि संयुक्त परिवार में बराबर का भागीदार होता है जब वह व्यक्ति संयुक्त परिवार से टूटकर विभक्त होता है तो वह एकल परिवार में विभक्त हो जाता है और अपना जीवन व्यतीत करता रहता है एकल परिवार के अंतर्गत उस व्यक्ति की पत्नी तथा बच्चे शामिल होते हैं और उसकी अपने पत्नी तथा बच्चों के पालन पोषण के लिए तथा उसके पूर्वजों के द्वारा दिए गए प्रदत्त धन में हिस्सेदारी होती है और वह बराबर का हिस्सा लेकर अपना स्वयं कार्य करता है तथा अपने पत्नी और बच्चों का भरण पोषण करने का जिम्मेदार होता है ऐसी व्यवस्था को एकाकी परिवार कहा गया है एकाकी परिवार के अंतर्गत छोटा परिवार होता है जिसमें पत्नी और उनके बच्चे पाए जाते हैं इसमें लगभग 2 से लेकर 5 सदस्य तक ही सीमित होते हैं ऐसे परिवार को एकाकी परिवार का नाम दिया गया है
एकाकी परिवार के गुण(quality of singal family)
एकाकी परिवार संयुक्त परिवार का टूटा हुआ एक रूप है अतः इस परिवार में क्या-क्या गुण पाए जाते हैं क्या-क्या अच्छाइयां है इसके बारे में यहां पर सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है जो कि निम्नलिखित है
1-आत्मनिर्भरता (self depended)
एकल परिवार का सबसे बड़ा गुण है यह होता है कि इस परिवार के अंतर्गत व्यक्ति के अंदर आत्मनिर्भरता आती है और वह व्यक्ति आत्मनिर्भर बन जाता है जिससे कि कार्य करके और पैसे कमा कर अपना विकास करने के लिए सक्षम हो पाता है जबकि संयुक्त परिवार में व्यक्ति एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और वह सिर्फ कार्य करना जानते हैं तथा उन्हें भोजन कहां से मिलने वाला है और भोजन का इंतजाम कहां से करना है इससे कोई लेना-देना नहीं होता है इसलिए संयुक्त परिवार की अपेक्षा एकल परिवार में व्यक्ति आत्मनिर्भर बन पाता है और अपना तथा अपने देश के विकास के लिए काफी उन्नति करता है और प्रयत्नशील रहता है
2-लड़ाई झगड़े में कमी (ladai jhagde me kami)
एकल परिवार में संयुक्त परिवार के अपेक्षा लड़ाई झगड़े में काफी कमी होती है क्योंकि इस परिवार में सदस्यों की संख्या बहुत कम होती है इस कारण से लड़ाई झगड़े में काफी कमी दिखाई देती है क्योंकि जब लोग कम होते हैं तो आपसी तनाव भी कम होता है और इस वजह से लड़ाई झगड़े होने का प्रश्न नहीं उठता हालांकि तमाम मामलों में यह भी देखा गया है कि संयुक्त परिवार में पति पत्नी में भी लड़ाई होती रहती हैं लेकिन संयुक्त परिवार की अपेक्षा एकल परिवार में कम लड़ाई होती हैं
3-शीघ्र निर्णय लेना (quick decision making)
एकल परिवार में सिर्फ एक मुखिया होता है जो कि घर का पति होता है और वह घर की जिम्मेदारी को संभालता है ऐसी स्थिति में किसी भी कार्य करने के लिए उसे किसी और व्यक्ति के सहमति की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए वह व्यक्ति स्वयं निर्णय लेता है और बड़ी आसानी से वह व्यक्ति किसी भी कार्य को करने के लिए तत्पर होता है और उसका निर्णय स्वयं ले लेता है जबकि संयुक्त परिवार में किसी भी कार्य करने का निर्णय लेने में काफी परेशानी होती है क्योंकि कोई भी कार्य करने के पूर्व सभी सदस्यों का सलाह और सहमति आवश्यक होता है जबकि एकल परिवार में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है
4-व्यक्तित्व का विकास (Development of personality)
एकल परिवार में व्यक्ति कितना कार्यशील है और कितना कार्यरत है यह पूरी तरह से दिखाई देता है और उसका वह भरपूर फायदा भी लेता है क्योंकि एकाकी परिवार में जितना भी वह कार्य करेगा वह स्वयं के लिए करेगा और अपना तथा अपने पत्नी और बच्चों का जीवन संवारने के लिए वह मेहनत करता है इसलिए एकल परिवार में व्यक्तित्व के विकास में कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं होती है और इस वजह से वह व्यक्ति मेहनत से कार्य करता है जबकि संयुक्त परिवार में कोई भी कार्यशील व्यक्ति होता है उसका व्यक्तित्व दिखाई नहीं पड़ता है
5-जीवन स्तर में सुधार (Improvement in standard of living)
एकल परिवार के द्वारा जीवन स्तर में काफी सुधार होता हुआ दिखाई दिया है क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं की पत्नी और बच्चों का भरण पोषण करना होता है तो वह व्यक्ति दिन प्रतिदिन उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है क्योंकि वह सोचता है कि उसके पत्नी और बच्चे अच्छा भोजन ग्रहण करें अच्छे मकान में रहे और वह समस्त सुख सुविधाओं को उपलब्ध कराने की कोशिश करता है जिसके कारण जीवन स्तर में काफी सुधार आया है इसलिए एकाकी परिवार लोगों के विकास और जीवन स्तर में सुधार के लिए काफी कारगर साबित हुआ है जबकि संयुक्त परिवार में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कोई भी व्यक्ति इतना जागरूक नहीं होता है कि उसका जीवन स्तर में कोई सुधार हो सके क्योंकि उसमें घर का मुखिया ही सभी का जिम्मेदार होता है जो कि वह नहीं चाहता कि उसके पैसे व्यर्थ में नष्ट जाएं
6-परिवार नियोजन (parvar niyojan)
एकाकी परिवार के द्वारा परिवार नियोजन में काफी ज्यादा लाभ होता हुआ दिखाई दिया है क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं की पत्नी और बच्चों हेतु धन कमाता है तो उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए तमाम कोशिश करता है जो कि उसे परिवार नियोजन की एक अच्छी सुविधा दिखाई देती है जिसके कारण वह अपना परिवार नियोजित रखता है ताकि वह अपने बच्चों का भरण पोषण बड़ी आसानी से कर सकें ऐसी स्थिति में जनसंख्या वृद्धि में काफी लाभ होता हुआ दिखाई दे रहा है
7-शिक्षा के उच्च स्तर (high level of education)
एकाकी परिवार के द्वारा शिक्षा के स्तर में काफी ज्यादा सुधार आया है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में जो लोग संयुक्त परिवार में रहते हैं उनके शिक्षा के स्तर में कोई सुधार नहीं होता है क्योंकि उनकी एक सामान्य शिक्षा व्यवस्था होती है जिसके अंतर्गत ही शिक्षा ग्रहण करना होता है जबकि उन सभी बच्चों में से कोई कोई बच्चा ऐसा भी होता है जो कि काफी तेज होता है और उसे पढ़ने का काफी शौक होता है तथा वह पढ़ लिख कर कुछ अलग करने की सोचता है लेकिन वह बच्चा भी सभी बच्चों की तरह ही पढ़ पाता है और वैसा ही बन जाता है इसलिए एकाकी परिवार में शिक्षा के स्तर को चाहते हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता है और वह चाहता है कि उसका लड़का आगे चलकर कोई बड़ा कार्य करें ताकि उसकी परेशानी दूर हो सके ऐसी स्थिति में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है
8-कम आर्थिक दबाव (less economic pressure)
एकल परिवार का सबसे बड़ा गुड़ यह है कि इस परिवार में आर्थिक दबाव बहुत ही कम होता है क्योंकि घर में सदस्य कम होने के कारण पति पत्नी और बच्चे शामिल होते हैं जिसमें बच्चों के देखरेख तथा पालन पोषण के जिम्मेदार उस घर के मुखिया पति और उनकी पत्नी होती है जोकि दोनों लोग कार्य करके अपना भरण-पोषण करते हैं तथा अपने बच्चों को पढ़ाते दिखाते हैं ऐसी स्थिति में मुखिया के ऊपर दबाव कम पड़ता है और वह व्यक्ति मानसिक परेशानियों से ग्रसित नहीं होता है तथा उसका जीवन यापन बहुत ही सुख में और शांतिपूर्ण ढंग से चलता रहता है
एकाकी परिवार के दोष (effect of single family)
एकल परिवार अनेक प्रकार के गुणों से परिपूर्ण होते हुए भी दोष से मुक्त नहीं है एकाकी परिवार में अनेक प्रकार के दोष व हानियां भी पाई जाती हैं जो कि निम्नलिखित
1-उचित संस्कारों की कमी (uchit sanskaron ki kami)
एकल परिवार के सबसे बड़ा दोष यह पाया गया है कि जब से संयुक्त परिवार एकल परिवार में विभक्त होने लग गया है तब से बच्चों को उचित संस्कार नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से आजकल के बच्चे अपने पूर्व बुजुर्गों को नमस्कार करना भी नहीं जानते हैं और किसके साथ किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए इसके बारे में भी उन्हें मालूम नहीं होता है जिसके वजह से यह समाज पूरी तरह से बदलने लगा है और इससे सामाजिक विघटन होने की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है
2-बीमारी के समय परेशानी (discomfort during illness)
एकाकी परिवार की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यदि घर का मुखिया बीमार हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे दवा कराने के लिए ले जाने की समस्या और बच्चों की देखरेख की समस्या तथा घर को चलाने के लिए पैसों की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसके वजह से काफी परेशानी उठाना पड़ता है और यह पछतावा होता है कि काश हम संयुक्त परिवार में होते और अपने भाई बहन व माता-पिता तथा दादा दादी के साथ होते तो यह परेशानी हमें नहीं उठानी पड़ती और जिस प्रकार से वह पछताता है और यह एकल परिवार की बहुत बड़ी समस्या है
3-बच्चों के पालन पोषण में परेशानी (child rearing problems)
संयुक्त परिवार की अपेक्षा एकल परिवार में बच्चों के पालन पोषण में काफी परेशानी होती है क्योंकि परिवार में एक ही मुखिया होता है और उसकी पत्नी होती है इन्हीं दोनों की पूरी जिम्मेदारी होती है कि उनके बच्चों को घुमाने के लिए तथा उनका पालन पोषण करने के लिए तथा उनके पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था तथा स्कूल ले जाने की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी होती है ऐसी स्थिति में पालन पोषण की व्यवस्था पत्नी को ही करना होता है जिसकी वजह से वह घर की सभी जिम्मेदारी से काफी ज्यादा परेशान हो जाती है और उसे ऐसा लगता है कि शायद संयुक्त परिवार उसके लिए काफी अच्छा था जिसमें बड़ी ही आसानी से बच्चों का पालन पोषण हो जाता है और कोई परेशानी भी नहीं होती है
4-अकेलापन (Loneliness)
एकल परिवार में कम सदस्य होने के कारण उस व्यक्ति को अकेलापन महसूस होने लग जाता है और अकेलेपन में उसका बिल्कुल भी जीवन व्यतीत नहीं होता है और उसे अपने भाई-बहन माता-पिता तथा दादा दादी की याद आती है और ऐसी स्थिति में वह काफी परेशान होता है जोकि एकल परिवार की सबसे बड़ी समस्या मानी जाती है
5-व्यस्त जीवन शैली (hectic lifestyle)
एकल परिवार के अंतर्गत सभी सदस्यों की जीवन शैली काफी ज्यादा व्यस्त होती है क्योंकि घर का मुखिया अपना घर संचालित करने के लिए दिनभर कार्य करने में लगा हुआ रहता है जिसकी वजह से वह सुबह उठकर भोजन कर कर के और कार्य को निकल जाता है जिसके बाद वह शाम को रात्रि होने पर घर वापस आता है और कभी-कभी तो ऐसा होता है कि वह रात में भी मेहनत करता है ताकि आगे चलकर वह अपने बच्चों का जीवन स्तर सुधार सकें इसलिए एकल परिवार में सभी सदस्यों की जीवन शैली काफी व्यस्त होती है वहीं पर उसकी पत्नी भी घर का भोजन बनाने में तथा बच्चों को स्कूल भेजती है और उनके भोजन की व्यवस्था करती है जिसके वजह से पत्नी का भी जीवन शैली काफी व्यस्त होता है
6-सामाजिकरण का अभाव (samajikaran ka abhaw)
एकल परिवार में बालक का सामाजिक कारण सही ढंग से नहीं हो पाता है क्योंकि जब संयुक्त परिवार में लोग निवास करते हैं ऐसी स्थिति में उसके घर के दादा दादी अपने पोते को कहानियां सुनाती है और अपने जीवन से जुड़ी हुई अनेक संघर्ष तथा अनेक प्रकार के कार्यों से जुड़े हुए कहानियों को सुनकर बच्चे उसी तरह के जीवन व्यतीत करने लग जाते हैं और इस प्रकार से व्यक्ति का सामाजिकरण बहुत ही सही ढंग से हो पाता है क्या उन्हें करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए क्या अच्छा है क्या बुरा है इसका बहुत ही सही से उन्हें मिल पाती है और वैसा ही आचरण में अपने जीवन पर्यंत करते रहते हैं लेकिन एकाकी परिवार में समाजीकरण की काफी परेशानी होती है और उस बालक की सामाजिकरण नहीं हो पाता है जिसके बाद वह आगे चलकर अपने जीवन में काफी परेशान होता है
7-बुजुर्ग माता-पिता को परेशानी (bujurg mata ko pareshani)
एकल परिवार के अंतर्गत प्रत्येक परिवार अलग-अलग स्थान पर रहकर अपना जीवन यापन करने लग जाते हैं जिसकी वजह से बुजुर्ग माता-पिता को काफी ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है और तमाम लोग तो ऐसे होते हैं जो कि अपने माता पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं ऐसी स्थिति में उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियां होती हैं जो कि इस वजह से अंतिम क्षणों में काफी परेशानियों को उठाते हुए उनकी मृत्यु हो जाती है
8-सामाजिक असुरक्षा (social insecurity)
एकल परिवार में रहते हुए व्यक्ति यदि किसी भी पत्रिका सामना करना पड़ता है तो वह पूरी तरह से टूट जाता है और काफी परेशान हो जाता है तथा यदि समाज के द्वारा उस व्यक्ति को दबाव दिया जाता है तो वह काफी परेशानी का अनुभव करता है जबकि संयुक्त परिवार में सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है और वह कोई परेशानी उत्पन्न होने पर सभी लोग एकत्र होकर उसका सामना करते हैं और उससे निपटने हैं लेकिन एकल परिवार में अकेला व्यक्ति काफी परेशान हो जाता है और उसे अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती है
निष्कर्ष (conclusion)
संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के पश्चात या निष्कर्ष निकलता है कि एकल परिवार वह पारिवारिक व्यवस्था है जिसके अंतर्गत व्यक्ति तथा उसकी पत्नी और उसके बच्चे सम्मिलित होते हैं और वह व्यक्ति अपना जीवन यापन के लिए धन कमाते हैं तथा अपना जीवन स्तर सुधारने के दिन प्रतिदिन मेहनत करते हैं ऐसी स्थिति में उनका जीवन काफी व्यस्त होता है और वह सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने के लिए कार्य करते हैं तथा अपने बच्चों का जीवन स्तर सुधारने का प्रयत्न करते हैं एकल परिवार में अनेक प्रकार के गुण पाए जाते हैं जिसमें व्यक्तित्व का विकास और आत्मनिर्भरता जैसे बड़े-बड़े अच्छाइयां भी सम्मिलित हैं लेकिन यह नहीं है कि एकल परिवार में अधिक अच्छाइयां होने के बाद भी अनेक प्रकार की बुराइयां भी पाई जाती हैं जिसमें अनेक परेशानी भी होती है क्योंकि एकल परिवार में यदि परिवार के मुखिया को बीमारी हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उनका घर टूट जाता है और आर्थिक संकट से जूझने लग जाता है क्योंकि पैसे कमाने वाला सिर्फ एक व्यक्ति होता है जो कि पति होता है और जब वह बीमार पड़ जाता है तो उसे काफी परेशानी होती है इस प्रकार से उसके बुजुर्ग माता-पिता को भी अकेले काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा एकल परिवार में काफी अकेलापन महसूस करता है और इस प्रकार से अनेक प्रकार की परेशानियां भी एकल परिवार में पाई गई हैं