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मंदबुद्धि किसे कहते हैं? मंद बुद्धि के प्रकार तथा लक्षण [mandbuddhi kise kahte hain? mandbuddhi ke prakar tatha lakshan]

मंदबुद्धि (feeble minded) उस प्रकार के मनुष्य को कहा जाता है या बालकों को कहा जाता है जो कि मानसिक रूप से कमजोर होते हैं तथा उनकी मस्तिष्क पूर्ण रूप से कार्य नहीं करते हैं जिसकी वजह से उन्हें अच्छा बुरा सही गलत की पूर्णतया ज्ञान नहीं होती है और उन्हें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसका भी उन्हें ज्ञान नहीं होता है यदि आप लोग मंदबुद्धि लोगों के बारे में जानना चाहते हैं तथा मंदबुद्धि लोगों क्या लक्षण होते हैं ?और मंदबुद्धि किस कारण से होती है? इसके बारे में यदि पूर्णतया जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस पोस्ट को पूरा पढ़ें हमने यहां पर आपको बहुत ही सही तरीके से पूरी जानकारी आपको उपलब्ध कराई है यह एक प्रकार का रोग है जो कि किसी ना किसी कारण बस हो जाता है जिसकी वजह से उस व्यक्ति या बालक का मस्तिष्क पूर्णतया काम करना बंद कर देता है यह कुछ परिस्थितियों में देखा गया है कि जन्मजात भी होता है और कुछ परिस्थितियों में मंदबुद्धि कुछ अन्य रोग या दवाओं के साइड इफेक्ट के द्वारा भी हो जाता है अतः मंदबुद्धि के क्या कारण होते हैं उन कारणों के बारे में भी यहां पर आपको पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है जिसके माध्यम से आप बड़ी सटीक ढंग से जानकारी को प्राप्त कर पाएंगे

मंदबुद्धि किसे कहते हैं? (mandbuddhi kise kahte hain)

जिन बालको या व्यक्तियों की मस्तिष्क पूर्णतया रूप से सही ढंग से कार्य नहीं करता है जो कि उसे करना चाहिए ऐसी स्थिति में उसे मंदबुद्धि कहा जाता है मंदबुद्धि दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला शब्द मंद और दूसरा बुद्धि है जिसका अर्थ होता है कि कम दिमाग वाला आदमी मंदबुद्धि कहलाता है मंदबुद्धि एक मानसिक बीमारी है जिसका इलाज संभव है और यदि इसका समय रहते इलाज नहीं किया जाता है तो यह लाइलाज बीमारी भी हो सकती है और ऐसी स्थिति में मंदबुद्धि लोग आजीवन मंदबुद्धि हो जाते हैं और यहां पर नीचे पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है

मंद बुद्धि के प्रकार (types of retardation)

मंदबुद्धि के अनेक प्रकार देखे जाते हैं जो कि अलग-अलग तरह के इनके लक्षण भी दिखाई देते हैं मंदबुद्धि लोगों की कुछ श्रेणी है जो कि आप लोग नीचे के पोस्ट में पड़ेंगे

1-हल्की मंदबुद्धि (halki mandbuddhi)

इस प्रकार से पीड़ित लोगों की संख्या बहुत ही अधिक है जो कि सामान्य शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जिसकी बुद्धि तीव्र नहीं होती है वह मंदबुद्धि लोगों की तुलना में आते हैं जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि जब भी किसी क्लास में बच्चों को पढ़ाया जाता है तो उनमें से एक दो बच्चे ऐसे होते हैं जो कि काफी दिमाग के होते हैं वहीं पर अधिकतर बच्चे ऐसे होते हैं जो कि हल्की मंद बुद्धि के होते हैं उनकी बुद्धि पूर्णतया तीव्र नहीं होती है और उन्हें किसी बात को समझाने के लिए कई बार प्रयास करना पड़ता है उसके बाद उन्हें समझ में आता है इस प्रकार की मंदबुद्धि ताको हल्की मंदबुद्धि कहते हैं जो कि अधिकतर लोगों में दिखाई देती है ऐसे व्यक्ति समय रहते अपना अच्छा या बुरा नहीं समझ पाते हैं तथा जब समय निकल जाता है तो वह पछतावा करते हैं इस प्रकार के व्यक्ति या बालक अत्यधिक पढ़ाई नहीं कर पाते हैं क्योंकि उनका दिमाग ना हो पाने के कारण वह कुछ समय पढ़ाई करने के पश्चात उनका पढ़ाई से जी रूठ जाता है और वह पांचवी या छठी क्लास तक पढ़ने के पश्चात अपनी पढ़ाई को बंद कर देते हैं

2-मध्यम मंदबुद्धि (madhyam mandbuddhi)

इस प्रकार के मंदबुद्धि वाले व्यक्ति लगभग 10% लोग होते हैं जो कि आपको समाज में देखने को मिल जाएंगे किसी भी व्यक्ति के बुद्धि की गणना आइक्यू टेस्ट के द्वारा किया जाता है इस प्रकार से मध्यम मंदबुद्धि वाले व्यक्तियों की iq score 35 से 55 तक होता है जो कि मध्यम होता है और इस प्रकार के व्यक्ति बेफिक्र होकर घूमते हैं उन्हें लाभ हानि तथा अच्छा या बुरा की कोई खास पहचान नहीं होती है लेकिन ऐसे व्यक्ति कार्य करने में काफी माहिर होते हैं जो कि अधिकतर शारीरिक मेहनत करने में बहुत ही अच्छे होते हैं तथा बुद्धिमान व्यक्ति मध्यम मंदबुद्धि वाले व्यक्तियों से अच्छा खासा काम लेते हैं और वह इस बात को समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका इस्तेमाल किया जा रहा है और उन से अधिक काम लिया जा रहा है इस प्रकार के व्यक्ति शारीरिक मेहनत में काफी तेज होते हैं और समाज में रहकर वह कार्य कर सकते हैं लेकिन यदि उन्हें अपने मन से कोई कार्य दिया जाए तो वह नहीं कर पाते हुए दूसरों के इशारे पर ही कार्य कर सकते हैं क्योंकि उन्हें स्वयं इतनी तीव्र बुद्धि नहीं होती है कि स्वयं के द्वारा वह किसी कार्य को तलाश कर और पूर्णतया कर सकें

3-गंभीर मंदबुद्धि (gambheer mandbuddhi)

गंभीर मंदबुद्धि वाले व्यक्ति समाज में लगभग 5% तक दिखाई देते हैं जो कि जन्मजात होते हैं और जन्मजात अवस्था में ही उनकी बुद्धि मंद होती है और उन्हें अपने खान-पान और पहनावा तथा दिखावा से कोई भी मतलब नहीं होता है जो कि आप लोगों ने देखा होगा कि अधिकतर शहर हो या गांव में कुछ लोग दिखाई देने को मिलेंगे इस प्रकार के व्यक्ति का IQ स्कोर 20 से 40 के बीच होता है उन्हें अपने खानपान की कोई चिंता नहीं होती है तथा वह फटे पुराने कपड़े पहने हुए रहते हैं उन्हें किसी भी सभ्यता संस्कृति का ज्ञान नहीं होता है इस प्रकार के व्यक्ति गंभीर मंदबुद्धि की तुलना में आते हैं ऐसे व्यक्ति हुए अधिकतर 30 या 35 वर्ष की आयु में ही उनकी मृत्यु हो जाती है तथा कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि उनकी उम्र लंबी भी हो जाती है ऐसे व्यक्तियों का इलाज होना असंभव होता है क्योंकि यह जन्मजात बीमारी होती है और जन्मजात बीमारी का इलाज काफी मुश्किल होता है वहीं पर किसी रोग या बीमारी की वजह से मंदबुद्धि हुए व्यक्ति का इलाज संभव होता है

4-गहन मंदबुद्धि (gahan mandbuddhi)

इस प्रकार के मंदबुद्धि वाले व्यक्ति समाज में लगभग 1% पाए जाते हैं इस प्रकार के व्यक्ति पूर्णतया रूप से पागल होते हैं और उन्हें अच्छा बुरा तथा सभ्यता और अधिकार का कोई भी ज्ञान नहीं होता है वह किसी को भी गाली गलौज दे सकते हैं और समय आने पर वह किसी को भी मार सकते हैं जो कि 8 तथा डंडे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं इस प्रकार के व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहना चाहिए और उनके नजदीक बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए इनकी IQ score लगभग 15 से 20 के बीच में होता है जो कि इनका मस्तिष्क बिल्कुल भी कार्य नहीं करता है और वह पूर्णतया अज्ञानता के अंधकार में चला जाता है जिसकी वजह से उन्हें अच्छा बुरा सही गलत का कोई भी ज्ञान नहीं होता है जिसकी वजह से वह गाली गलौज मारपीट और फटे पुराने कपड़े तथा अनेक प्रकार की गलत व्यवहार करते रहते हैं

मंदबुद्धि के लक्षण (mandbuddhi ke laksan)

मंदबुद्धि लोगों के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जो कि आप लोगों ने इस प्रकार में भी पड़ा है और हमने हां आप लोगों को नीचे मंदबुद्धि के कुछ लक्षणों के बारे में भी पूरी जानकारी प्रदान की है जिसके द्वारा मंदबुद्धि लोगों की पहचान की जा सकती है

  • मंदबुद्धि वाले लोग अच्छा या बुरा कुछ समझ पाने में असमर्थ होते हैं
  • इस प्रकार के रोग से पीड़ित व्यक्ति बच्चों के जैसा बर्ताव करते हैं
  • मंदबुद्धि वाले व्यक्तियों को सोचने विचारने की क्षमता काफी कम होती है
  • मंदबुद्धि वाले व्यक्ति को किसी भी पुरानी बात के बारे में जल्दी याद नहीं आती है
  • मंदबुद्धि वाले बालक स्कूल में अध्यापकों के द्वारा बताए गए शिक्षण कार्य को पूर्ण नहीं कर पाते हैं
  • मंदबुद्धि वाले लोगों को बातचीत करने का तथा उठने बैठने का कोई भी उचित ढंग नहीं होता है
  • इस प्रकार के रोग से पीड़ित व्यक्तियों को अपनी समस्याओं को हल करने की क्षमता नहीं होती है
  • मंदबुद्धि वाले व्यक्तियों में सीखने की प्रक्रिया नहीं पाई जाती है

मंदबुद्धि के कारण (mandbuddhi ke karan)

मंदबुद्धि के अनेक प्रकार के कारण पाए जाते हैं जो कि यहां पर हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि मंदबुद्धि किन किन कारणों की वजह से हो सकता है मंदबुद्धि एक प्रकार की बीमारी है जो कि कुछ निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकती है

1-पूर्व जन्म के कारण

मंदबुद्धि के कुछ मंदबुद्धि वाले लोग होते हैं जिनके बच्चे भी मंदबुद्धि के ही होते हैं इस प्रकार से उनका अनेक पूर्वजों तक लोग मंदबुद्धि के ही उत्पन्न होते रहते हैं इस प्रकार से उनका इलाज हो पाना असंभव होता है क्योंकि उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी सभी लोगों के मस्तिष्क कम काम करते हैं और इस प्रकार से वह मंदबुद्धि वाले होते हैं इस प्रकार के लोग पूर्णतया मंदबुद्धि नहीं होते हैं जबकि हल्की मंदबुद्धि की तुलना में आते हैं

2-गर्भावस्था में हुए विकार के कारण

कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि उनका पूर्वज काफी ज्यादा तीव्र दिमाग का होता है लेकिन उनका बालक मंदबुद्धि का उत्पन्न होता है इसका मुख्य कारण होता है कि गर्भावस्था में जब वह बालक माता की पेट में रहता है तो ऐसी स्थिति में गर्भावस्था के दौरान कुछ ऐसा विकार होता है जिसके वजह से वह व्यक्ति कम माइंड का होता है और इस प्रकार से वह व्यक्ति मंदबुद्धि का हो जाता है जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि यदि गर्भावस्था में रहते हुए गर्भधारण करने वाली महिला अनेक प्रकार की हानिकारक खाद्य पदार्थों का सेवन करती है तो उसका पूरा असर बालक पर पड़ता है इस प्रकार से खानपान का काफी असर पड़ता है जिसकी वजह से कभी-कभी कुछ दवाओं की वजह से भी गर्भ में पल रहे बालक की बुद्धि मंद हो जाती है और वह जीवन पर्यंत ही ऐसी ही रहती है

3-माता के रोग के कारण

कभी-कभी गर्भधारण करने वाली महिला अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित होती है जिसका पूरा असर उसके बालक पर पड़ता है और उसका बालक मंदबुद्धि का हो जाता है क्योंकि यदि किसी महिला को मधुमेह तथा हृदय तथा गुर्दे का रोग पाया जाता है तो उसका पूरा असर बच्चे के मस्तिष्क पर पड़ता है और इस वजह से उसका मस्तिष्क करना पूरी तरह से दब जाता है और उसके रक्त की दौरान सही से ना हो पाने के कारण वह बालक मंदबुद्धि का हो जाता है और वह जीवन पर्यंत काफी परेशानियों को जलता है तथा मंदबुद्धि का एक मुख्य कारण माना जाता है

4-गंभीर चोट लगने के कारण

कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि जब बालक का जन्म होता है तो वह काफी तीव्र बुद्धि का होता है लेकिन यदि बचपन में उसे किसी कारण बस उसके मस्तिष्क पर चोट लग जाती है तो उसका दिमाग बदल जाता है और उसके मस्तिष्क की कुछ नसे दब जाने के कारण उस व्यक्ति की बुद्धि काफी मंद हो जाती है और धीरे-धीरे वह व्यक्ति मंदबुद्धि का हो जाता है इस प्रकार से यह जन्मजात नहीं होती है और इसका इलाज भी संभव होता है जो कि समय रहते यदि इसका इलाज किया गया तो पूर्णतया इसका इलाज सफल हो सकता है

5-कुपोषण के कारण

तमाम मामलों में यह भी देखा गया है कि जब बालक का जन्म होता है तो वह काफी ठीक-ठाक होता है लेकिन उस व्यक्ति का पोषण सही ढंग से नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से उस व्यक्ति का बुद्धि कम हो जाती है क्योंकि बचपन में यदि बालक को मां का दूध नहीं पिलाया जाता है तो वह कुपोषण का शिकार हो जाता है और इसकी वजह से उसकी शारीरिक तथा मानसिक स्थिति काफी खराब हो जाती है लेकिन शारीरिक स्थिति बड़ा होने के बाद खानपान की वजह से धीरे-धीरे सुधर जाती है लेकिन उसकी मानसिक स्थिति कमजोर ही रह जाती है और वह व्यक्ति मंदबुद्धि का शिकार हो जाता है

मंदबुद्धि के उपचार (mandbuddhi ke upchar)

मंदबुद्धि एक प्रकार की बीमारी है जिसको कुछ उपायों के द्वारा ठीक भी किया जा सकता है तमाम मामलों में कारगर साबित हुआ है लेकिन पूर्णतया यह नहीं कहा जा सकता है कि कोई भी मंदबुद्धि वाला व्यक्ति इस प्रकार की दवाई को खाने के बाद वह तीव्र बुद्धि का हो जाएगा मंदबुद्धि होने के अनेक कारणों के बारे में हमने यहां पर आपको पूरी जानकारी प्रदान की है जिसके पश्चात आप लोग पूरी तरह से समझ पा रहे होंगे कि मंदबुद्धि के क्या क्या कारण हो सकते हैं तथा इसके उपचार के बारे में अभी आप जानना चाहते हैं तो यहां पर हम आपको सभी जानकारी को बहुत ही विस्तृत तरीके से उपलब्ध कराने वाले हैं की मंदबुद्धि बालकों की किस प्रकार से उपचार किया जा सकता है और इनकी मंदबुद्धि ता को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है

  • यदि कोई बालक मंदबुद्धि का है तो उसे प्रतिदिन दूध और बादाम का सेवन जरूर करना चाहिए जो कि दूध के द्वारा कैल्शियम और बदाम के द्वारा मस्तिष्क का विकास होता है
  • मंदबुद्धि दा को दूर करने के लिए प्रतिदिन अनुलोम विलोम करना चाहिए जो कि अनुलोम विलोम योग के द्वारा उसका मस्तिष्क फ्रेश हो जाता है
  • मंदबुद्धि बालकों को अत्यधिक खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि जब बच्चे खेलते हैं तो उनकी खून की दौरान तीव्र गति से होती है जो कि मस्तिष्क की दबी हुई नसों को खोल देती है और धीरे-धीरे हुए व्यक्ति तीव्र बुद्धि के हो जाते है
  • मंदबुद्धि वाले लोगों का बचपन में ही उपाय करना चाहिए क्योंकि जब उनकी उम्र ज्यादा हो जाती है तो उसका इलाज हो पाना मुश्किल हो जाता है
  • मंदबुद्धि वाले बालको के ऊपर अध्यापक को अधिकतम ध्यान देना चाहिए ताकि उनको अपने बुद्धि के विकास में सहायता मिल सके

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My name is rahul tiwari and I am the owner and author of this blog. I am a full time blogger. I have studied B.Sc in computer science.

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