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समुदाय किसे कहते हैं? समुदाय का अर्थ, परिभाषा तथा विशेषताएं samuday kise kahte hain? samuday ka arth, paribhasha tatha visestayen

समाज से जुड़ा हुआ एक ऐसा प्रश्न जो कि प्रत्येक लोगों के मन में उठ रहा होगा कि समुदाय किसे कहते हैं ? अतः यहां पर समुदाय के अर्थ परिभाषा तथा विशेषताओं के बारे में भी संपूर्ण जानकारी यहां पर आपको प्रदान की गई है कुछ व्यक्तियों के समूह को समुदाय कहा जाता है जिनका एक निश्चित क्षेत्र होता है और एक निश्चित उद्देश्य होता तथा समुदाय के अंतर्गत निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्तियों के अंदर सामुदायिक भावना पाई जाती है उदाहरण के लिए आप मान सकते हैं कि कबीरपंथी को मानने वाले लोग होते हैं जो कि एक समुदाय कहलाते हैं क्योंकि इनके नियम कानून तथा रहन-सहन और खान-पान लगभग सामान्य होते हैं और इस प्रकार से वह एक निश्चित क्षेत्र में निवास करते हैं तथा प्रत्येक व्यक्ति को यह पता होता है कि उन्हें अपने जीवन में किस प्रकार के कार्य करनी चाहिए इस प्रकार से उनका एक समुदाय होता है जो कि अपनत्व की भावना उनमें पाई जाती है और समुदाय के द्वारा बताए गए नियम तथा कानूनों को मारने के लिए पूरी तरह से तैयार होते हैं

समुदाय का अर्थ (meaning of community)

समुदाय दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पहला शब्द सम है और इसका अर्थ होता है बराबर और दूसरा शब्द है उदय अर्थात जिसका एक साथ उदय हुआ हो वह समुदाय कहलाता है अर्थात हम सरल शब्दों में यह कह सकते हैं कि समुदाय का तात्पर्य व्यक्तियों की उस समूह से होता है जिनका एक निश्चित क्षेत्र होता है तथा उस समुदाय के अंतर्गत जो भी सदस्य होते हैं उनका एक सामान्य जीवन यापन होता है सामान्य खानपान होता तथा उनके विचार भी लगभग सभी के एक जैसे होते हैं ऐसे व्यक्तियों के समूह को समुदाय कहा जाता है इनका एक निश्चित दायरा होता है तथा कुछ लक्ष्य को लेकर हुए एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं जिसके कारण उन सभी के विचार और रहन-सहन तथा खान-पान काफी ज्यादा मिलते जुलते हैं

समुदाय की परिभाषा (definition of community)

समुदाय की परिभाषा हम अनेक प्रकार के समाज शास्त्रियों के द्वारा दिए गए परिभाषाएं को पढ़ने के बाद पूरी तरह से स्पष्ट करेंगे जो कि निम्नलिखित है

मैकाइवर तथा पेज के अनुसार (maikaever tatha page ke anusaar)-“समुदाय एक सीमित क्षेत्र में सामान्य जीवन जीने वाले लोगों के समूह को कहा जाता है”

बोगार्डस के अनुसार (bogards ke anusaar)-“समुदाय एक निश्चित क्षेत्र में रहने वाले सामाजिक व्यक्तियों का एक समूह है जिनका एक भौगोलिक क्षेत्र निश्चित होता है और समुदाय के सदस्यों में अहम की भावना पाई जाती है”

ऑगबर्न और निमकाॅफ के अनुसार (aagbarn aur nimkaf ke anusaar)-“सामान्य जीवन जीने वाले व्यक्तियों के संगठन को ही समुदाय कहा जाता है जिनका एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है और प्रत्येक सदस्य एक नियम के अनुसार कार्य करते हैं”

उपर्युक्त परिभाषा ओं के पढ़ने के पश्चात यह पता चलता है कि समुदाय समाज में प्रचलित वह व्यवस्था है जिसके अंतर्गत व्यक्ति संगठित होकर एक समान जीवन यापन करता है तथा अपने जीवन को समुदाय में प्रत्येक सदस्यों की तरह ही जीने का प्रयत्न करता है और इनका एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है जो कि कुछ क्षेत्रों में ही समुदाय का दायरा होता है और समुदाय को हम व्यक्तियों के समूह के रूप में देख सकते हैं अतः या एक समाज में प्रचलित मूर्त व्यवस्था है जिसे हम व्यक्तियों के समूह के रूप में देख सकते हैं

समुदाय की विशेषताएं (Features of Community)

समुदाय के कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं

1-समुदाय मूर्त है (samuday moort hai)

समुदाय व्यक्तियों के समूह को कहा जाता है क्योंकि हमें अप्रत्यक्ष दिखाई देते हैं और इस प्रकार से समुदाय एक मुर्त व्यवस्था है जिसे हम बड़ी आसानी से देख सकते हैं और स्पर्श कर सकते हैं समुदाय की यह एक मुख्य विशेषता पाई जाती है

2-निश्चित भौगोलिक क्षेत्र (nischit bhaugolik kshetra)

समुदाय का एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र पाया जाता है जिसके अंतर्गत वह व्यक्ति जो कि समुदाय के अंतर्गत होते हैं वह सभी व्यक्ति निवास करते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं उदाहरण के लिए आप लोग मान सकते हैं कि आश्रम में रहने वाले व्यक्ति का एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है जिसके अंतर्गत वह निवास करते हैं इस प्रकार से समुदाय का एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र पाया जाता है

3-सामान्य जीवन यापन (samanya jeevan yaapan)

समुदाय में रहने वाले प्रत्येक व्यक्तियों का एक सामान्य जीवन यापन होता है समुदाय की स्थापना किसी भी उद्देश्य को लेकर नहीं बनाई जाती है यह सिर्फ कुछ समय तक जीवन यापन करने की एक व्यवस्था है जो कि स्वयं बन जाती है इसका जानबूझकर इसका निर्माण नहीं किया जाता है उदाहरण के लिए आप लोग मान सकते हैं कि कारागार एक समुदाय है जहां पर अनेक प्रकार के व्यक्तियों का समूह है और उनका एक निश्चित दायरा है लेकिन कारागार में रहने वाले व्यक्तियों को कोई भी आमंत्रित नहीं करता है और ना ही उनका कोई मुख्य उद्देश्य होता है वह एक दूसरे के संपर्क में स्वता ही ही आते हैं

4-अहम की भावना (aham ki bhawna)

समुदाय में निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्तियों में अहम की भावना पाई जाती है उदाहरण के लिए आप लोग मान सकते हैं कि कोई व्यक्ति भारत का रहने वाला है और यदि वह दूसरे राष्ट्र में पैसे कमाने के लिए जाता है और यदि वहां पर किसी और व्यक्ति से मुलाकात हो जाती है जो कि भारत का ही रहने वाला है तो वह व्यक्ति काफी प्रसन्न होता है और उसमें दोनों में अपनत्व की भावना पाई जाती है जो कि एक राष्ट्र से संबंधित होने के कारण होती है इस प्रकार से एक राष्ट्र समुदाय के रूप में माना जाता है जिसका एक निश्चित दायरा है और इसके अंतर्गत व्यक्ति रहते हुए अपना जीवन यापन करता है

5-विशिष्ट नाम (visist naam)

प्रत्येक समुदाय का एक विशिष्ट नाम होता है जिसे उस नाम से जाना जाता है जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि किसी प्रदेश में रहने वाले व्यक्तियों को उस प्रदेश के नाम से जानते हैं जैसे कि उत्तर प्रदेश एक प्रकार का समुदाय है इस प्रकार से इसका एक विशिष्ट नाम है और उत्तर प्रदेश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का एक निश्चित दायरा है जहां पर रहकर अपना जीवन यापन करते हैं

6-स्थायित्व (sthayitva)

समुदाय के अंतर्गत निवास करने वाले व्यक्ति स्थाई होते हैं जो कि समुदाय के अंतर्गत रहते हुए अपना जीवन यापन करते हैं और और लंबे समय तक अपने जीवन का संचालन करते रहते हैं इस प्रकार से समुदाय में स्थायित्व पाया जाता है जो कि प्रतिदिन बदला नहीं जा सकता है

समाज और समुदाय में अंतर (samaj aur samuday me anter)

सीरियल नंबरसमाजसमुदाय
1समाज में रहने वाले व्यक्तियों के बीच पाए जाने वाले संबंधों को समाज कहा जाता हैसमुदाय के अंतर्गत सदस्यों के बीच कोई संबंध नहीं होते हैं
2समाज अमूर्त हैसमुदाय मूर्त है
3समाज का एक क्षेत्र विस्तृत होता हैसमुदाय का क्षेत्र निश्चित होता है
4समाज में सहयोग की भावना पाई जाती हैसमुदाय में अहम की भावना पाई जाती है
5समाज में समानता तथा भिन्नता दोनों पाई जाती हैसमुदाय में समानता पाई जाती है
6समाज में अनेक प्रकार की सभ्यता व संस्कृति पाई जाती हैसमुदाय में एक विशिष्ट संस्कृति होती है
7समाज में सहयोग तथा संघर्ष दोनों ही पाया जाता हैसमुदाय में सहयोग की भावना पाई जाती है

निष्कर्ष (conclusion)

संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के पश्चात हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि समुदाय व्यक्तियों का वह समूह है जो कि एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में निवास करता है और अपना सामान्य जीवन यापन करता है समुदाय के अंतर्गत रहने वाले व्यक्तियों में कुछ हद तक सामुदायिक भावना पाई जाती है जो कि उनके लिए काफी उपयोगी होती है वहीं पर समुदाय के अंतर्गत सभी सदस्यों की एक सामान्य जीवन यापन होता है जिसमें काफी हद तक समानता पाई जाती है इस प्रकार से समाज और समुदाय के अंतर को भी हमने यहां पर स्पष्ट किया है जो कि आप टेबल के माध्यम से देख पा रहे होंगे कि समाज और समुदाय में क्या-क्या अंतर पाए जाते हैं समाज का क्षेत्र निश्चित नहीं होता है जबकि समुदाय का क्षेत्र निश्चित होता है और समाज में लोगों के प्रति पाए जाने वाले संबंधों को ही समाज का नाम दिया गया है जबकि समुदाय में रहने वाले व्यक्तियों में कोई भी संबंध नहीं पाए जाते हैं सिर्फ सामुदायिक भावना पाई जाती है

shiva9532

My name is rahul tiwari and I am the owner and author of this blog. I am a full time blogger. I have studied B.Sc in computer science.

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